तूफानों से कह दो, 'साहिल' की तबाही का ख्वाब रहने दें,
लहरों का मुकद्दर उसके पैरों की रेत से जादा कुछ भी नहींTuesday, 4 October 2011
दिल में रखना मुझे, जिधर जाना...
तूने देखा जो इस कदर जाना
दिल पे ऐसा हुआ असर जाना
है दिल खुद से बेखबर जाना
पर है इतनी इसे खबर जाना
की दिल में है तेरा घर जाना
अब तेरे बिन मुझे किधर जाना
दिल में रखना मुझे, जिधर जाना...
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