Sankalp Tripathi 'Sahil'
Saturday, 7 July 2012
तेरी तारीफ़ क्या करूँ, तेरी मिसाल क्या दूं
चाँद से खूबसूरत मैंने कुछ देखा ही कहाँ है...
तुझसे मिले हुए भले सदियाँ गुज़र गयीं,
लगता है मुलाक़ात इसी पल कि बात थी...
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