Saturday, 7 July 2012

तेरी तारीफ़ क्या करूँ, तेरी मिसाल क्या दूं
चाँद से खूबसूरत मैंने कुछ देखा ही कहाँ है...
तुझसे मिले हुए भले सदियाँ गुज़र गयीं,
लगता है मुलाक़ात इसी पल कि बात थी...

Saturday, 31 December 2011

New Year पे New MoU with ज़िन्दगी



ज़िन्दगी हम हाथ थामे,बस यूँ चलते रहें
चाहे घड़ी, घंटे, दिन महीने साल बदलते रहे 
बीतते इस साल को हंस के विदा चल कर लें हम
आने वाले साल में चल रंग--मस्ती भर लें हम
नए इस साल में कोई नया सा प्रण करें 
मुश्किलों के काफिलों से डट के क्यों रण करें
करें प्रण इस साल में हांसिल हमें वो मुकाम हो
पैरों तले हो ज़मीन पर मुट्ठी में आसमान हो 
नाम लिख दें हम गगन पे अपना, चल ज़िन्दगी
कर दें हम साकार ये भी सपना, चल ज़िन्दगी.....

-संकल्प त्रिपाठी 'साहिल'


Tuesday, 4 October 2011


तूफानों से कह दो, 'साहिल' की तबाही का ख्वाब रहने दें,
                                लहरों का मुकद्दर उसके पैरों की रेत से जादा कुछ भी नहीं

इससे जादा तेरे इम्तिहान क्या दूं ऐ ज़िन्दगी
                                हर एक कदम बढ़ाने पे तेरी दो ठोकरें खाता हूँ..

डरते हैं ज़िन्दगी की आजमाईश से, वो और होंगे
                              हम तो वो हैं जो अक्सर ज़िन्दगी को आजमाते हैं...

दिल में रखना मुझे, जिधर जाना...

तूने देखा जो इस कदर जाना
दिल पे ऐसा हुआ असर जाना
है दिल खुद से बेखबर जाना
पर है इतनी इसे खबर जाना
की दिल में है तेरा घर जाना
अब तेरे बिन मुझे किधर जाना
  दिल में रखना मुझे, जिधर जाना...